मासूम की बद्दुआ - 1 S Sinha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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मासूम की बद्दुआ - 1

कहानी - मासूम की बद्दुआ Part 1

“ शिखा , कहाँ हो ? “


“ आ रही हूँ , दो मिनट और लगेगा विक्रम .मूसलाधार बारिश हो रही है , खिड़कियां और बालकनी बंद कर के आती हूँ . बारिश नहीं रुकी तो रात भर में सूखते कपड़े गीले हो जायेंगे . “


“ बारिश में ही तो रोमांस का मजा आता है . जल्दी करो . “


“ आई बाबा “ बोल कर शिखा बेड रूम की ओर बढ़ी ही थी कि बिजली चली गयी . किसी तरह शिखा बेड रूम में गयी .


“ इतनी देर में तो जेनरेटर से सप्लाई आ जानी चाहिए . मैं सिक्युरिटी को फोन करता हूँ पावर क्यों नहीं आया अभी तक . “


विक्रम ने सिक्युरिटी को फोन किया तो उसने कहा “ सॉरी सर , आज दिन भर सभी तेल पम्पों की हड़ताल थी . डीजल खत्म हो गया था . आज तेल ख़रीदा न जा सका . अब कल सुबह ही डीजल आएगा . “


विक्रम ने हाथ पकड़ कर शिखा को बेड पर खींच लिया . वह बोली “ मेरे पिल्स कल ही खत्म हो गए थे , खरीदना भूल गयी थी . जाने दो , आज चुपचाप सो जाओ . “


“ अरे नहीं , ऐसे कैसे सो जाऊं इतना अच्छा मौसम है . ठीक है दोनों कुछ सावधानी बरतेंगे तो कुछ नहीं होगा . “ बोल कर विक्रम ने शिखा को मजबूर कर दिया .

जब दोनों सहज हुए तब शिखा बोली “ तुम्हारी इसी बेसब्री से एक बार सजा भुगत चुकी हूँ . अबो्र्ट करवाना पड़ा था , याद है न . “


शिखा और विक्रम पिछले दो साल से लिव इन में थे हालांकि दोनों अलग अलग जाति के थे . शिखा तथा कथित उच्च ब्राह्मण जाति की थी और विक्रम झारखण्ड की जन जाति से . दोनों बंगलुरु में नौकरी कर रहे थे . शिखा मल्टीनेशनल कम्पनी में डिप्टी मैनेजर थी और विक्रम दूसरी कंपनी में सीनियर मैनेजर . विक्रम शादी के लिए तैयार था पर शिखा अपने माता पिता की जिद के आगे मजबूर थी . उनके समाज में अपनी जाति से बाहर शादी करने पर विरादरी से बाहर कर दिया जाता है और ऐसा होने पर शिखा के बाकी भाई बहनों की शादी में बहुत दिक्कत होती . वैसे भी शिखा कुछ ज्यादा महत्त्वकांक्षी थी . उसका मैनेजर का प्रमोशन ड्यू था . वह बहुत व्यस्त रहती थी और टारगेट एवं डेडलाइन कभी मिस नहीं करना चाहती थी . उसके लिए अपना कैरियर सर्वोपरि था .


करीब डेढ़ महीने बाद शिखा ने विक्रम से कहा “ तुम्हारी नासमझी से फिर गड़बड़ हुआ न . मैं पीरियड मिस कर गयी हूँ , जिसका डर था वही हुआ . “


“ अब तो एबॉर्शन ही ऑप्शन है क्योंकि बिना माता पिता की मर्जी के शादी करने का साहस तुम में नहीं है . “


“ ऑफिस में मुझ पर काम का इतना ज्यादा प्रेशर है कि मुझे अगले कुछ महीनों तक दम मारने की फुर्सत नहीं है . वीकेंड में भी काम करना पड़ रहा है . डेडलाइन मिस करने से अगले डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमिटी में मैं मैनेजर के इंटरव्यू के लिए क़्वालीफाई भी नहीं कर पाऊंगी . “


“ तब क्या सोचा है ? “


“ एक और अबॉर्शन और क्या ? फिलहाल मेरे लिए अबॉर्शन के लिए भी टाइम निकालना मुश्किल हो रहा है . “


“ लाइफ में प्रमोशन ही तो सब कुछ नहीं है , सोच लो कहीं बाद में पछताना न पड़े . “


शिखा ने विक्रम के सवाल को नजरअंदाज कर दिया और कोई उत्तर नहीं दिया . दो महीने तक शिखा बहुत बिजी रही . वह अपने निजी कामों के लिए वक़्त नहीं निकाल सकी थी . प्रेजेंटेशंस और फॉरेन टूर के बाद अब जा कर वह फ्री हुई थी .

कुछ दिनों के बाद शिखा ने विक्रम से कहा “ मैं इस वीकेंड एबॉर्शन कराने जा रही हूँ . “


“ एक बार फिर सोच लो . “


“ सोच लिया , यह मेरा आखिरी फैसला है . “ .


अबॉर्शन के इरादे से वह एक बड़े निजी अस्पताल में गायनाकोलॉजिस्ट के पास गयी और बोली मुझे

“ अबॉर्शन कराना है ? “


“ आप रिसेप्शन पर जा कर फॉर्म भर लें और औपचारिकताएं पूरी कर मुझसे मिलें . “


फॉर्म ले कर शिखा डॉक्टर के पास गयी तो डॉक्टर ने पूछा “ आपने अपने पति का नाम नहीं लिखा है . “


“ जी , मैं अनमैरेड हूँ . मैरी उम्र 30 साल है और कानूनन इसके लिए किसी की इजाजत मुझे नहीं चाहिए . मुझे यह फैसला लेने का हक़ प्राप्त है . “


“ आपकी प्रेगनेंसी कितने सप्ताह की है ? “


“ 16 वां वीक चल रहा है . “


“ आपने अबॉर्शन का फैसला इतनी देर से क्यों लिया ? “


“ मुझे अभी बच्चा नहीं चाहिए और इससे पहले मुझे समय नहीं मिल सका .किसी तरह समय निकाल कर मैं इसी वीकेंड में अबो्र्ट कराना चाहती हूँ . आप लिख दें तो मैं फीस जमा कर दूंगी . “


“ जब आप क़ानून की बात कर रहीं हैं तो आपको पता होना चाहिए कि एम टी पी इज नॉट योर चॉइस . इसके लिए कुछ शर्तें हैं . जब बच्चा नहीं चाहिए था तो आपने प्रिकॉशन क्यों नहीं लिया ?


“ लेती हूँ . कभी चूक भी हो सकती है . इंसान हूँ , टू एर इज ह्यूमन . मैंने कहा न मैं अनमैरेड हूँ . कुछ दिनों से लिव इन रिलेशन में हूँ . दिस इज नॉट माय फर्स्ट अबॉर्शन . “


“ इससे पहले एबॉर्शन कैसे हुआ था आई मीन सेल्फ या मेडिकल टर्मिनेशन . “


“ पहला सेल्फ था , मेरा मतलब मैंने खुद दवाईयां खा कर किया था . इसमें कुछ प्रॉब्लम्स हुए थे इसलिए इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हूँ . आप प्लीज इसी वीकेंड का डेट दे दें . “


“ यू आर रियली बोल्ड एंड स्मार्ट . आप से बहस करना बेकार है . हमें भी कुछ नियमों का पालन करना होता है . एनी वे , ये आपका निजी मामला है , आप रिसेप्शन पर जा कर बाकी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर लें . ठीक है ,आपको इसी शनिवार का डेट मिल जाएगा .“


प्री ऑपरेशन चेकअप आदि के बाद वीकेंड में शिखा ऑपरेशन टेबल पर थी . लेडी डॉक्टर ने कहा “ अगर आप

इजाज़त दें तो मैं इस एम टी पी का विडिओ रिकॉर्डिंग कर लूं . इसे देख कर हमारे जूनियर डॉक्टर्स

एडवांस्ड स्टेज एम टी पी के बारे में कुछ सीख सकेंगे . “

“ क्या ऐसा हो सकता है कि युट्रस के अंदर की आप फोटो ले सकें ? “


“ यस , आजकल के आधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन से यह सम्भव है . “


“ ओके , आप रिकॉर्ड कर सकती हैं . “


“ पर इसके लिए आपकी लिखित अनुमति चाहिए . “


शिखा ने रिकॉर्डिंग के लिए पेपर पर साइन कर दिया . डॉक्टर ने सफलतापूर्वक उसका अबॉर्शन किया . कुछ घंटों की निगरानी के बाद शिखा अपने घर आ गयी . डिस्चार्ज के समय डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन के बाद खाने के लिए कुछ दवाएं दी और कहा “ कोई भी तकलीफ होने से मुझसे मिलें . उम्मीद है सब ठीक रहेगा , फिर भी दो दिन बाद फॉलो अप के लिए मिल सकती हैं . “


“ क्या मुझे रिकॉर्डिंग की सी डी मिल सकती है ? “


“ इसे देखने का साहस आप में है ? “


“ हाँ , क्यों नहीं ? “

“ इसके लिए अलग से आपको कैश जमा करना होगा . फिर दो दिनों के बाद जब फ़ॉलोअप के लिए आएं तो सी डी ले सकती हैं . “


जब शिखा शाम को घर पहुंची तब तक विक्रम घर छोड़ कर चला गया था . उसे विक्रम की चिठ्ठी मिली “ मैं अब और तुम्हारे साथ नहीं रह सकता हूँ . इसलिए मैं अपने सामान के साथ शिफ्ट कर रहा हूँ .तुम में लिव इन में रहने की हिम्मत थी पर पेरेंट्स के खिलाफ जा कर कोर्ट मैरेज की नहीं . “


शिखा ने फोन पर विक्रम से पूछा “ अचानक इस तरह जाने का मतलब ? “


“ इसे फाइनल ब्रेक अप कहते हैं . मैं जल्द ही बंगलुरु शहर भी छोड़ दूंगा . “